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ਜਨ ਤ੍ਰਾਹਿ ਤ੍ਰਾਹਿ ਸਰਣਾਗਤੀ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਗੁਰ ਨਾਨਕ ਹਰਿ ਰਖਵਾਲੇ ਰਾਮ ॥੩॥
जन त्राहि त्राहि सरणागती मेरी जिंदुड़ीए गुर नानक हरि रखवाले राम ॥३॥
नानक कहते हैं कि हे मेरी आत्मा ! जब परमात्मा के दास त्राहि-त्राहि करते हुए उसकी शरण में आते हैं और गुरु परमात्मा उनके रक्षक बन जाते हैं।॥ ३॥
ਹਰਿ ਜਨ ਹਰਿ ਲਿਵ ਉਬਰੇ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਧੁਰਿ ਭਾਗ ਵਡੇ ਹਰਿ ਪਾਇਆ ਰਾਮ ॥
हरि जन हरि लिव उबरे मेरी जिंदुड़ीए धुरि भाग वडे हरि पाइआ राम ॥
हे मेरी आत्मा ! परमात्मा के भक्तजन उस में सुरति लगाने से संसार-सागर पार कर लेते हैं, प्रारम्भ से ही सौभाग्य से वे अपने परमात्मा को प्राप्त कर लेते हैं।
ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਪੋਤੁ ਹੈ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਗੁਰ ਖੇਵਟ ਸਬਦਿ ਤਰਾਇਆ ਰਾਮ ॥
हरि हरि नामु पोतु है मेरी जिंदुड़ीए गुर खेवट सबदि तराइआ राम ॥
हे मेरी आत्मा ! परमात्मा का नाम एक जहाज है और गुरु खेवट अपने शब्द के माध्यम से जीव को उस नाम द्वारा भवसागर से पार कर देते हैं।
ਹਰਿ ਹਰਿ ਪੁਰਖੁ ਦਇਆਲੁ ਹੈ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਗੁਰ ਸਤਿਗੁਰ ਮੀਠ ਲਗਾਇਆ ਰਾਮ ॥
हरि हरि पुरखु दइआलु है मेरी जिंदुड़ीए गुर सतिगुर मीठ लगाइआ राम ॥
हे मेरी आत्मा ! परमात्मा सर्वशक्तिमान तथा बड़े दयालु है और गुरु सतगुरु की कृपा से वह मनुष्य को मीठा लगने लग जाता है।
ਕਰਿ ਕਿਰਪਾ ਸੁਣਿ ਬੇਨਤੀ ਹਰਿ ਹਰਿ ਜਨ ਨਾਨਕ ਨਾਮੁ ਧਿਆਇਆ ਰਾਮ ॥੪॥੨॥
करि किरपा सुणि बेनती हरि हरि जन नानक नामु धिआइआ राम ॥४॥२॥
हे परमात्मा ! कृपा करके मेरी प्रार्थना सुनो, चूंकि नानक ने आपके नाम की ही आराधना की है। ४॥ २ ॥
ਬਿਹਾਗੜਾ ਮਹਲਾ ੪ ॥
बिहागड़ा महला ४ ॥
राग बिहाग्र, चौथे गुरु: ४ ॥
ਜਗਿ ਸੁਕ੍ਰਿਤੁ ਕੀਰਤਿ ਨਾਮੁ ਹੈ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਹਰਿ ਕੀਰਤਿ ਹਰਿ ਮਨਿ ਧਾਰੇ ਰਾਮ ॥
जगि सुक्रितु कीरति नामु है मेरी जिंदुड़ीए हरि कीरति हरि मनि धारे राम ॥
हे मेरी आत्मा ! परमात्मा के नाम का यशगान करना ही इस दुनिया में एक सुकर्म है, परमात्मा की कीर्ति करने से ही वह मन में बस जाते है।
ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਪਵਿਤੁ ਹੈ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਜਪਿ ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਉਧਾਰੇ ਰਾਮ ॥
हरि हरि नामु पवितु है मेरी जिंदुड़ीए जपि हरि हरि नामु उधारे राम ॥
हे मेरी आत्मा ! परमेश्वर का नाम बड़ा पवित्र है, उसके नाम का जाप करने से जीव का उद्धार हो जाता है।
ਸਭ ਕਿਲਵਿਖ ਪਾਪ ਦੁਖ ਕਟਿਆ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਮਲੁ ਗੁਰਮੁਖਿ ਨਾਮਿ ਉਤਾਰੇ ਰਾਮ ॥
सभ किलविख पाप दुख कटिआ मेरी जिंदुड़ीए मलु गुरमुखि नामि उतारे राम ॥
हे मेरी आत्मा ! जब मनुष्य गुरु की कृपा से भगवान के निष्कलंक नाम का ध्यान करता है, तो उसके पाप और बुरे कर्मों की गंदगी दूर हो जाती है।
ਵਡ ਪੁੰਨੀ ਹਰਿ ਧਿਆਇਆ ਜਨ ਨਾਨਕ ਹਮ ਮੂਰਖ ਮੁਗਧ ਨਿਸਤਾਰੇ ਰਾਮ ॥੧॥
वड पुंनी हरि धिआइआ जन नानक हम मूरख मुगध निसतारे राम ॥१॥
नानक कहते हैं कि बड़े पुण्य-कर्म से ही जीव हरि के नाम की आराधना करता है और इस तरह हम जैसे मूर्ख एवं अज्ञानियों का उद्धार होता है॥१॥
ਜੋ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਧਿਆਇਦੇ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਤਿਨਾ ਪੰਚੇ ਵਸਗਤਿ ਆਏ ਰਾਮ ॥
जो हरि नामु धिआइदे मेरी जिंदुड़ीए तिना पंचे वसगति आए राम ॥
हे मेरी आत्मा ! जो व्यक्ति हरि के नाम का ध्यान-चिंतन करते हैं, कामादिक विकार उनके वश में आ जाते हैं।
ਅੰਤਰਿ ਨਵ ਨਿਧਿ ਨਾਮੁ ਹੈ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਗੁਰੁ ਸਤਿਗੁਰੁ ਅਲਖੁ ਲਖਾਏ ਰਾਮ ॥
अंतरि नव निधि नामु है मेरी जिंदुड़ीए गुरु सतिगुरु अलखु लखाए राम ॥
हे मेरी आत्मा ! जिनके हृदय में ईश्वर का नाम बसता है, वे नौ खजानों के समान महान धन के स्वामी होते हैं। सच्चे गुरु की कृपा से मुझे उस परमात्मा का अनुभव हुआ है, जो हमारी समझ और कल्पना से परे है।
ਗੁਰਿ ਆਸਾ ਮਨਸਾ ਪੂਰੀਆ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਹਰਿ ਮਿਲਿਆ ਭੁਖ ਸਭ ਜਾਏ ਰਾਮ ॥
गुरि आसा मनसा पूरीआ मेरी जिंदुड़ीए हरि मिलिआ भुख सभ जाए राम ॥
हे मेरी आत्मा ! गुरु ने हमारी आशाएँ एवं इच्छाएँ पूरी कर दी है, प्रभु को मिलने से सारी भूख मिट जाती है।
ਧੁਰਿ ਮਸਤਕਿ ਹਰਿ ਪ੍ਰਭਿ ਲਿਖਿਆ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਜਨ ਨਾਨਕ ਹਰਿ ਗੁਣ ਗਾਏ ਰਾਮ ॥੨॥
धुरि मसतकि हरि प्रभि लिखिआ मेरी जिंदुड़ीए जन नानक हरि गुण गाए राम ॥२॥
नानक कहते हैं कि हे मेरी आत्मा ! भगवान् ने प्रारम्भ से ही जिनके माथे पर भाग्य लिख दिया है, वही हरि का गुणगान करते हैं।॥ २॥
ਹਮ ਪਾਪੀ ਬਲਵੰਚੀਆ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਪਰਦ੍ਰੋਹੀ ਠਗ ਮਾਇਆ ਰਾਮ ॥
हम पापी बलवंचीआ मेरी जिंदुड़ीए परद्रोही ठग माइआ राम ॥
हे मेरी आत्मा ! हम अज्ञानी पापी एवं छल-कपटी हैं तथा दूसरों से द्रोह करने वाले और (पराया) धन ठगने वाले ठग हैं।
ਵਡਭਾਗੀ ਗੁਰੁ ਪਾਇਆ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਗੁਰਿ ਪੂਰੈ ਗਤਿ ਮਿਤਿ ਪਾਇਆ ਰਾਮ ॥
वडभागी गुरु पाइआ मेरी जिंदुड़ीए गुरि पूरै गति मिति पाइआ राम ॥
हे मेरी आत्मा ! सौभाग्य से ही गुरु प्राप्त हुए हैं और पूर्ण गुरु के माध्यम से गति (मोक्ष) का मार्ग प्राप्त हुआ है।
ਗੁਰਿ ਅੰਮ੍ਰਿਤੁ ਹਰਿ ਮੁਖਿ ਚੋਇਆ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਫਿਰਿ ਮਰਦਾ ਬਹੁੜਿ ਜੀਵਾਇਆ ਰਾਮ ॥
गुरि अम्रितु हरि मुखि चोइआ मेरी जिंदुड़ीए फिरि मरदा बहुड़ि जीवाइआ राम ॥
हे मेरी आत्मा ! गुरु ने हरि नाम का अमृत मेरे मुख में डाल दिया है और गुरु ने उस आध्यात्मिक रूप से मृतक की आत्मा पुनः जीवित कर दी है।
ਜਨ ਨਾਨਕ ਸਤਿਗੁਰ ਜੋ ਮਿਲੇ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਤਿਨ ਕੇ ਸਭ ਦੁਖ ਗਵਾਇਆ ਰਾਮ ॥੩॥
जन नानक सतिगुर जो मिले मेरी जिंदुड़ीए तिन के सभ दुख गवाइआ राम ॥३॥
नानक कहते हैं कि हे मेरी आत्मा ! जो सच्चे गुरु को मिले हैं, उनके सारे दुःख नष्ट हो गए हैं।॥ ३॥
ਅਤਿ ਊਤਮੁ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਹੈ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਜਿਤੁ ਜਪਿਐ ਪਾਪ ਗਵਾਤੇ ਰਾਮ ॥
अति ऊतमु हरि नामु है मेरी जिंदुड़ीए जितु जपिऐ पाप गवाते राम ॥
हे मेरी आत्मा ! हरि का नाम अति उत्तम है, जिसकी आराधना करने से पाप नाश हो जाते हैं।
ਪਤਿਤ ਪਵਿਤ੍ਰ ਗੁਰਿ ਹਰਿ ਕੀਏ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਚਹੁ ਕੁੰਡੀ ਚਹੁ ਜੁਗਿ ਜਾਤੇ ਰਾਮ ॥
पतित पवित्र गुरि हरि कीए मेरी जिंदुड़ीए चहु कुंडी चहु जुगि जाते राम ॥
हे मेरी आत्मा ! गुरु-हरि ने पतितों को भी पवित्र कर दिया है और वे चारों दिशाओं एवं चारों ही युगों में प्रख्यात हो गए हैं।
ਹਉਮੈ ਮੈਲੁ ਸਭ ਉਤਰੀ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਹਰਿ ਅੰਮ੍ਰਿਤਿ ਹਰਿ ਸਰਿ ਨਾਤੇ ਰਾਮ ॥
हउमै मैलु सभ उतरी मेरी जिंदुड़ीए हरि अम्रिति हरि सरि नाते राम ॥
हे मेरी आत्मा ! हरि-नामामृत के सरोवर में स्नान करने से मनुष्य की अहंकार की सारी मैल दूर हो गई है।
ਅਪਰਾਧੀ ਪਾਪੀ ਉਧਰੇ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਜਨ ਨਾਨਕ ਖਿਨੁ ਹਰਿ ਰਾਤੇ ਰਾਮ ॥੪॥੩॥
अपराधी पापी उधरे मेरी जिंदुड़ीए जन नानक खिनु हरि राते राम ॥४॥३॥
नानक कहते हैं है कि हे मेरी आत्मा ! एक क्षण भर के लिए भी हरि के नाम में लीन होने से अपराधी पापी जीवों का भवसागर से उद्धार हो गया है ॥४॥३॥
ਬਿਹਾਗੜਾ ਮਹਲਾ ੪ ॥
बिहागड़ा महला ४ ॥
राग बिहाग्र, चौथे गुरु: ४ ॥
ਹਉ ਬਲਿਹਾਰੀ ਤਿਨ੍ਹ੍ਹ ਕਉ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਜਿਨ੍ਹ੍ਹ ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਅਧਾਰੋ ਰਾਮ ॥
हउ बलिहारी तिन्ह कउ मेरी जिंदुड़ीए जिन्ह हरि हरि नामु अधारो राम ॥
हे मेरी आत्मा ! मैं उन पर बलिहारी जाता हूँ, जिन्होंने परमेश्वर के नाम को अपने जीवन का आधार बनाया हुआ है।
ਗੁਰਿ ਸਤਿਗੁਰਿ ਨਾਮੁ ਦ੍ਰਿੜਾਇਆ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਬਿਖੁ ਭਉਜਲੁ ਤਾਰਣਹਾਰੋ ਰਾਮ ॥
गुरि सतिगुरि नामु द्रिड़ाइआ मेरी जिंदुड़ीए बिखु भउजलु तारणहारो राम ॥
हे मेरी आत्मा ! गुरु-सतगुरु ने मेरे मन में परमात्मा का नाम बसा दिया है और उन्होंने मुझे भवसागर से पार कर दिया है।
ਜਿਨ ਇਕ ਮਨਿ ਹਰਿ ਧਿਆਇਆ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦੁੜੀਏ ਤਿਨ ਸੰਤ ਜਨਾ ਜੈਕਾਰੋ ਰਾਮ ॥
जिन इक मनि हरि धिआइआ मेरी जिंदुड़ीए तिन संत जना जैकारो राम ॥
हे मेरी आत्मा ! जिन्होंने एकाग्रचित होकर ईश्वर का ध्यान किया है, उन संतजनों की मैं जय-जयकार करता हूँ।