आसा दी वार गुरु नानक और गुरु अंगद द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण सिख भजन है, जो गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल है। यह परंपरागत रूप से सुबह के समय गाया जाता है और इसमें श्लोकों (दोहे) के साथ 24 पौड़ियां (छंद) शामिल हैं। भजन विभिन्न विषयों को संबोधित करता है जैसे कि भगवान की प्रकृति, सच्चे जीवन का महत्व, और पाखंड और झूठे अनुष्ठानों की अस्वीकृति। यह आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए विनम्रता, निस्वार्थ सेवा और गुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता पर जोर देता है। आसा दी वार सिखों को धार्मिकता, सत्यनिष्ठा और ईश्वर के प्रति समर्पण का जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करता है।